ब्रिक्स, भारत की जिद... लद्दाख में LAC पर भारत संग डील कर घर में घिरी जिनपिंग सरकार, भड़के चीनी यूजर्स

Updated on 23-10-2024 05:27 PM
बीजिंग: चीन और भारत ने बताया है कि वह पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर गश्त और सैनिकों की वापसी के मुद्दे पर एक समझौते पर पहुंच गए हैं। इसकी भारत के साथ-साथ चीन में भी चर्चा है। चीनी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म वीबो पर एक यूजर की उस पोस्ट पर 46 मिलियन से ज्यादा हिट मिले हैं, जिसमें बीजिंग के नई दिल्ली के साथ सीमा पर समझौते की जानकारी दी गई थी। इस पोस्ट में सवाल किया गया है कि इस डील में चीन को क्या मिला है। चीनी सोशल मीडिया में भारत विरोधी ये बताने की कोशिश कर रहे हैं कि चीन ने बड़ा दिल दिखाकर ये समझौता किया है। इसके बावजूद यूजर्स पूछ रहे हैं कि भारत की मांग मानकर आखिर चीनी सरकार ने डील से क्या हासिल किया है।स्टार्ट न्यूज ग्लोबल के मुताबिक, वीबो पर भारत विरोधी कार्यकर्ता के रूप में जाने जाने वाले 1002 शेनमे ने अपनी पोस्ट में लिखा, 'मेरा मानना है कि लोग बॉर्डर क्षेत्र की पृष्ठभूमि और वास्तविकता को नहीं जानते हैं। सरल शब्दों में कहें तो पिछले चार वर्षों से भारत ने एकतरफा शर्तें रखी हैं, जिसके तहत दोनों देशों के बीच सामान्य स्थिति में लौटने के लिए चीन को इस क्षेत्र से हटना होगा। हमारे देश लगातार इनकार किया है, लेकिन अब हम भारत की मांगों पर काफी हद तक सहमत हो गए हैं।'

इस समझौते से चीन को क्या मिला?


शेनमे ने आगे लिखा, 'चीन की ओर से दी गई रियायत को देखते हुए इसका ध्यान रखना चाहिए कि यह क्यों किया गया और बदले में क्या हासिल हुआ। कुछ लोगों का कहना है कि ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि 'पूर्वी कमान' में भारतीय सेना ने गश्त के अधिकार दिए थे। कुछ को लगता है कि यह ब्रिक्स के लिए है। कई लोग ये भी मानते हैं कि ऐसा भारत को अमेरिका के बहुत करीब जाने से रोकने के लिए किया गया।'

वीबो पर एक और टिप्पणी में कहा गया है, 'चीन और भारत ने सीमा मुद्दे पर एक समझौते पर हस्ताक्षर किए, जिससे संबंधों को बहाल करने की बड़ी बाधा दूर हो गई। इनकार करने के चार साल बाद हमने भारत की मांग मान ली। इसका नतीजा यह है कि हम इन दोनों क्षेत्रों में अपनी चौकियों को खाली कर देंगे, जैसा कि भारत चाहता है।'

बॉर्डर समझौते पर चीन में क्या धारणा बन रही है?


फूडन विश्वविद्यालय में दक्षिण एशियाई अध्ययन केंद्र के उप निदेशक लिन मिनवांग ने ग्लोबल टाइम्स से कहा, 'यह चीन-भारत संबंधों के भविष्य के विकास के लिए एक बहुत ही सकारात्मक संकेत है। भारत ने हमेशा कहा है कि सीमा मुद्दा अनसुलझा रहा तो द्विपक्षीय संबंधों को सामान्य नहीं किया जा सकता है, लेकिन अब नई दिल्ली को द्विपक्षीय संबंधों में सुधार को रोकने के लिए सीमा मुद्दे का इस्तेमाल बहाने के रूप में नहीं करना चाहिए।'

चीनी सोशल मीडिया पर टिप्पणियों से लगता है कि बीजिंग में बैठे दिग्गज यह धारणा नहीं बनाना चाहते कि यह सौदा किसी भी तरह से महत्वपूर्ण है। वह चीन को भारत के सामने झुकता हुआ नहीं दिखाना चाहते हैं। चीन शायद यह धारणा देने की कोशिश कर रहा है कि बड़ी शक्ति के रूप में उसने भारत के प्रति सद्भावना दिखाई है। चीन इसका कुछ बदला भी आने वाले वक्त में भारत से चाह सकता है।

Advt.

अन्य महत्वपुर्ण खबरें

 08 January 2025
कोलंबो: श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमार दिसानायके अगले हफ्ते, 14 से 17 जनवरी तक चीन का दौरा करेंगे। राष्ट्रपति बनने के बाद यह उनकी दूसरी विदेश यात्रा होगी। बीते साल…
 08 January 2025
तेलअवीव: इजरायल की सरकार ने गाजा युद्ध से सबक लेते हुए हथियारों को अपने देश में ही बनाने को लेकर बड़ा ऐलान किया है। इजरायल की सरकार ने इल्बिट सिस्‍टम को…
 08 January 2025
रियाद: सऊदी अरब साल 2024 में उभरते बाजारों में सबसे बड़े बॉन्ड जारी करने वालों में से एक था, ये 2025 में भी जारी रहेगा। सऊदी सरकार ने संकेत दिया…
 08 January 2025
ढाका: बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना का वीजा भारत सरकार ने बढ़ा दिया है। हसीना बीते सात महीने से भारत में शरण लिए हुए हैं। भारत सरकार ने हसीना का…
 08 January 2025
ओटावा: अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कनाडा के नेताओं को नाराज कर दिया है। दरअसल ट्रंप ने एक नक्शा शेयर किया है, जिसमें कनाडा को अमेरिका के हिस्से…
 07 January 2025
अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने भारत-अमेरिका परमाणु समझौते में आ रही परेशानियों को दूर करने की बात कही है। उन्होंने कहा कि इसके लिए अमेरिकी सरकार जरूरी…
 07 January 2025
ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने इलॉन मस्क के सरकार पर किए गए हमलों का जवाब दिया है। स्टार्मर ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में मस्क का नाम लिए बिना कहा कि…
 07 January 2025
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने सोमवार शाम को पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने पार्टी का नेता पद भी छोड़ दिया है। इस्तीफे से पहले उन्होंने देश को संबोधित…