आज फिटनेस ट्रेनर की जरुरत जिम, बड़े होटल, हेल्थ क्लब, फिटनेस सेंटर, स्पा, टूरिस्ट रिसोर्ट आदि सभी जगहों पर है। कुछ अनुभव लेकर आप स्वयं का फिटनेस सेंटर भी शुरू कर सकते हैं। यहाँ तक कि बड़ी-बड़ी मल्टीनेशनल कंपनियाँ भी अपने कर्मचारियों के लिए समय-समय पर वर्कप्लेस वेलनैस तथा फिटनेस प्रोग्राम का आयोजन करती हैं, जहाँ फिटनेस ट्रेनर की जबर्दस्त माँग होती है। है।
भारत में फिटनेस उद्योग 2,000 करोड़ रुपए से भी अधिक पर हिस्सा रखता है। हाई टेक जिम और हेल्थ क्लब ने इसको युवाओं के बीच और अधिक प्रचलित बनाया है। कोर्स के बाद आप इसमें से किसी भी करियर का चुनाव कर सकते हैं। एथलीट ट्रेनर, डाइटिशियन, स्पोर्ट्स कोच, फिजिकल थेरेपिस्ट, कार्य का दायरा।
एक फिटनेस ट्रेनर के तौर पर आपको शारीरिक फिटनेस के साथ-साथ एरोबिक्स, फैलेक्सीबिल्टी ट्रेनिंग, बीएमआई, पोषण तथा ट्रेनिंग से जुड़े समस्त उपकरणों आदि का ज्ञान होना अनिवार्य है। इससे लोगों को सही सलाह देने में आसानी होती है। यदि आपको ये समस्त जानकारी है तो आप उनके शरीर के ढांचे और वजन को देखते हुए उनके लिए एक अच्छी डाइट निर्धारित कर सकते हैं और फिट रहने के लिए उपकरणों के सही प्रयोग के बारे में ज्ञान दे सकते हैं। एक फिटनेस ट्रेनर को मूलत: फिटनेस, न्यूट्रिशियन, वेट मैनेजमेंट, स्ट्रैस रिडियूशन, हेल्थ रिस्क मैनेजमेंट आदि जैसे विषयों पर ध्यान देना होता है। एरोबिक्स इंस्ट्रक्टर के तौर पर आप वर्कआउट सत्र में एरोबिक्स, स्टेचिंग तथा मसल्स एक्सरसाइस पर ध्यान देते हैं। खेल जगत में एथलीट का स्टेमिना बढ़ाने के लिए आप जॉगिंग, वेट लिफ्टिंग, पुशअप जैसे विशेष व्यायामों पर जोर देते हैं। यदि आप योग व नैचुरोपैथी एक्सपर्ट हैं तो व्यायाम से रोग-मुक्त रहने के गुर भी सीखाते हैं। फिटनेस ट्रेनर के रूप में आपको अच्छी बातचीत और व्यावहारिक कला भी आनी चाहिए क्योंकि आप कई प्रकार के लोगों के संपर्क में आते हैं। हालाँकि कोर्स के तुरंत बाद मासिक आय कुछ कम होती है पर अनुभव के साथ-साथ आप हाइट एंड फिटनेस सेंटर, स्पा और रिसोर्ट से जुड़कर अच्छी कमाई कर सकते हैं।