नई दिल्ली । वित्त मंत्रालय ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए करीब ईपीएफ खातों में 8.5 फीसदी ब्याज डालने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इससे कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के करीब 6 करोड़ अंशधारकों को फायदा होगा। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने ईटी को बताया कि लेबर मिनिस्ट्री जल्दी ही ब्याज दर को नोटिफाई करेगी। ईपीएफओ के सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज ने मार्च में वर्ष 2019-20 के लिए 8.5 फीसदी ब्याज दर को मंजूरी दी थी। सितंबर में फैसला लिया गया था कि 8.5 फीसदी ब्याज की इस रकम को दो किस्तों 8.15 और 0.35 फीसदी में भेजा जाएगा, लेकिन श्रम मंत्रालय ने इसी महीने वित्त मंत्रालय को एक प्रस्ताव भेजकर 2019-20 के लिए पीएफ खातों में 8.5 फीसदी ब्याज एकमुश्त जमा करने की मंजूरी मांगी थी। ईपीएफओ अपने इंक्रीमेंटल कॉर्पस का 15 फीसदी तक ईटीएफ में निवेश करती है। वित्त वर्ष 2020 में ईपीएफओ को इक्विटी इनवेस्टमेंट पर माइनस 8.3 फीसदी रिटर्न मिला जो वित्त वर्ष 2019 में 14.7 फीसदी था। 8.5 फीसदी की ब्याज दर सात साल में सबसे कम है। 2018-19 में 8.65 फीसदी ब्याज दिया गया था। इस तरह 2018-19 के मुकाबले 2019-20 में यह 0.15 फीसदी कम है। अनुमानों के मुताबिक पीएफ अंशधारकों के खातों में 8.5 फीसदी ब्याज डालने के बाद ईपीएफओ के पास 700 करोड़ रुपये सरप्लस रह जाएंगे। ब्याज दर को दो हिस्सों में बांटने के पीछे यह सोच थी कि ईपीएफओ की सेविंग्स पर कोई असर न हो। कोरोना काल में लोगों ने जमकर पीएफ निकासी की, लेकिन ईपीएफओ ने इक्विटी बाजार में आई तेजी का फायदा उठाया।