पेरिस । फ्रांस इन दिनों अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया से नाराज है कारण है उनके बीच परमाणु पनडुब्बियों के अधिग्रहण को लेकर हुई डील। नारजगी यहां तक पहुंच गई है कि फ्रांस ने अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया से अपने राजदूत को वापस बुला लिया है। फ्रांस ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया के बीच हुआ यह समझौता पीठ में छुरा घोंपने जैसा काम है। फ्रांस ने कहा कि हमने ऑस्ट्रेलिया के साथ एक भरोसेमंद संबंध स्थापित किया था और उन्होंने हमारे साथ विश्वासघात किया। यूरोप और विदेश मामलों के लिए फ्रांस के मंत्री जीन यवेस ली ड्रियन ने अपने एक बयान में कहा- 'राष्ट्रपति मैक्रों के अनुरोध पर मैंने परामर्श के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया में अपने राजदूतों को तुरंत पेरिस वापस बुलाने का निर्णय लिया है।'
फ्रांस के विदेश मंत्री ने आगे अपने बयान में कहा- 'ओशन क्लास पनडुब्बी परियोजना को छोड़ना, जिस पर ऑस्ट्रेलिया और फ्रांस 2016 से काम कर रहे थे और अमेरिका के साथ परमाणु पनडुब्बियों पर भविष्य के सहयोग की संभावना का अध्ययन करने के उद्देश्य से नई साझेदारी की घोषणा करना पार्टनर्स के बीच एक अस्वीकार्य व्यवहार है। इसके परिणाम हमारे गठबंधनों, हमारी साझेदारियों और यूरोप के लिए इंडो-पैसिफिक के महत्व की अवधारणा को प्रभावित करते हैं।' फ्रांस के विदेश मंत्री जीन-यवेस ले ड्रियन ने एक मीडिया साक्षात्कार में कहा कि यह हमारी पीठ में छुरा घोंपने की तरह है। हमने ऑस्ट्रेलिया के साथ एक भरोसेमंद संबंध स्थापित किया था और उन्होंने हमारे विश्वास के साथ विश्वासघात किया। ले ड्रियन ने कहा कि वह इस डील के रद्द होने से बहुत गुस्से में और कड़वाहट से भरे हुए हैं। उन्होंने कहा कि मैंने कुछ दिन पहले ही अपने ऑस्ट्रेलियाई समकक्ष से बात की थी, लेकिन उन्होंने ऐसे गंभीर कदमों की ओर कोई भी संकेत नहीं दिया था।
ले ड्रियन ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका के इस कदम की घोषणा हमें बाइडेन के पूर्ववर्ती डोनाल्ड ट्रंप की याद दिलाती है। उन्होंने कहा, 'जो बात मुझे चिंतित करती है, वह अमेरिकी व्यवहार है। यह क्रूर, एकतरफा, अप्रत्याशित निर्णय बहुत कुछ वैसा ही दिखता है जैसा मिस्टर ट्रंप करते थे ... सहयोगी एक-दूसरे के साथ ऐसा नहीं करते हैं ... यह बल्कि असहनीय है।' अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के घोषित एक सौदे के तहत, ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन और अमेरिका एक नया गठबंधन बनाएंगे। इस गठबंधन को आकुस के रूप में जाना जाएगा। इसके जरिए तीनों देशों को एक दूसरे के साथ उन्नत रक्षा तकनीकों को साझा करते हुए दिखेंगे। नए समझौते के हिस्से के रूप में ऑस्ट्रेलिया फ्रांस के साथ अपने पनडुब्बी सौदे को तोड़ देगा।