नई दिल्ली । वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय 1,000 करोड़ रुपये की स्टार्टअप इंडिया सीड फंड योजना के क्रियान्वयन और निगरानी के लिए एक विशेषज्ञ सलाहकार समिति का गठन करेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महीने की शुरुआत में स्टार्टअप की मदद और नए उद्यमियों को आगे बढ़ने में सहयोग के लिए योजना की घोषणा की थी। उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) ने कहा कि समिति सीड फंड के आवंटन, प्रगति की निगरानी के लिए स्टार्टअप का चयन करेगी और इसके लिए सभी जरूरी उपाए करेगी कि इस धन का सही इस्तेमाल हो और योजना का मकसद पूरा हो।
समिति के सदस्यों में डीपीआईआईटी, जैव प्रौद्योगिकी विभाग, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद और नीति आयोग के प्रतिनिधि तथा डीपीआईआईटी सचिव द्वारा नामित कम से कम तीन विशेषज्ञ शामिल होंगे। योजना के अनुसार 2021 से 2025 के दौरान पूरे भारत में चयनित इनक्यूबेटरों के माध्यम से 945 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता स्टार्टअप को दी जाएगी। योजना का फायदा उठाने के लिए स्टार्टअप के पास डीपीआईआईटी की मान्यता होनी चाहिए, आवेदन करते समय उसके गठन को दो साल से अधिक का समय नहीं होना चाहिए और उसके मूल उत्पाद या सेवाओं में प्रौद्योगिकी का उपयोग होना चाहिए।