सिओल । नार्थ और साउथ कोरियाई देसों के बीच आपसी तनाव के बीच बीच दक्षिण कोरिया ने पनडुब्बी से बैलिस्टिक मिसाइल (एसएलबीएम) का सफल परीक्षण कर दक्षिण कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन को अपनी तात का अहसास कराया है। इसी के साथ दक्षिण कोरिया परमाणु हथियारों के बिना ऐसी प्रणाली विकसित करने वाला पहला देश बन गया है। माना जा रहा है कि दक्षिण कोरिया का यह मिसाइल टेस्ट दुश्मन देश उत्तर कोरिया के लिए एक करारा जवाब है। उत्तर कोरिया ने दो दिन पहले ही बैलिस्टिक मिसाइल टेस्ट किया था। पनडुब्बी से बैलिस्टिक मिसाइल लॉन्च करने की क्षमता अभी तक दुनिया के परमाणु हथियार शक्ति संपन्न देशों के पास ही थी। दुनिया भर में अमेरिका, फ्रांस, चीन, रूस, ब्रिटेन, भारत, पाकिस्तान को परमाणु शक्ति संपन्न देश माना जाता है। इसके अलावा इजरायल और उत्तर कोरिया को अनाधिकारिक रूप से परमाणु शक्ति संपन्न देश माना जाता है।
इस परीक्षण के महत्व का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उस समय दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जे इंग भी उपस्थित रहे। मार्च के बाद से दक्षिण कोरिया का यह पहला बैलिस्टिक मिसाइल परीक्षण था। इसके अलावा दक्षिण कोरिया जमीन आधारित हाइपरसोनिक मिसाइल सिस्टम पर भी काम कर रहा है। इस घोषणा से पहले दक्षिण कोरिया ने उत्तर कोरिया की तरफ से दो बैलिस्टिक मिसाइलों के प्रक्षेपण का पता लगाया था। दक्षिण कोरिया की सेना ने बुधवार को कहा कि उत्तर कोरिया ने अपने पूर्वी तट पर एक दो बैलिस्टिक मिसाइलें दागी। इससे दो दिन पहले उत्तर कोरिया ने छह महीनों में पहली बार एक नई मिसाइल का परीक्षण करने का दावा किया था। दक्षिण कोरिया के ‘ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ’ ने एक बयान में कहा कि मध्य उत्तर कोरिया में एक स्थान से दागी गयीं दो बैलिस्टिक मिसाइलें बुधवार दोपहर को कोरियाई प्रायद्वीप के पूर्वी तट पर समुद्र की ओर गयीं। बयान में कहा गया है कि दक्षिण कोरिया और अमेरिका के खुफिया प्राधिकारी उत्तर कोरिया के प्रक्षेपणों के बारे में और अधिक जानकारियां जुटा रहे हैं। इसमें कहा गया है कि दक्षिण कोरिया ने उत्तर कोरियाई विरोधी निगरानी व्यवस्था को मजबूत कर दिया है।