वॉशिंगटन । अफगानिस्तान में तालिबान राज कायम करने में पाकिस्तान के पीछे से सहयोग करने पर अमेरिका उसको जमकर लताड़ लगाई है। अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन ने माना कि पाकिस्तान तालिबान और हक्कानी नेटवर्क के आतंकियों को पाल रहा है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को अफगानिस्तान के बारे में वैश्विक समुदाय की नीतियों के हिसाब से चलना चाहिए। अमेरिकी विदेश मंत्री का बयान ऐसे समय पर आया है जब पाकिस्तान के खिलाफ प्रतिबंध लगाने की मांग तेज हो गई है।
एंटनी ब्लिंकेन ने अमेरिकी संसद कांग्रेस में तालिबान के काबुल पर कब्जा करने को लेकर दिए अपने बयान में पाकिस्तान पर निशाना साधा। जब उनसे अफगानिस्तान में पाकिस्तान की भूमिका के बारे में सवाल किया गया तो अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान के अफगानिस्तान में बहुत सारे हित हैं जिसमें से कुछ से सीधे अमेरिकी हितों का साफ टकराव होता है। ब्लिंकेन ने तालिबान की जीत पर दिए अपने बयान में यह भी कहा कि अफगानिस्तान में भारत की बढ़ती भूमिका के बाद पाकिस्तान ने 'नुकसान पहुंचाने वाले' कई कदम उठाए।
ब्लिंकेन ने कहा कि तालिबान के प्रति पाकिस्तान को व्यापक बहुतायत अंतरराष्ट्रीय समुदाय के रुख के मुताबिक काम करने की जरूरत है। अमेरिकी विदेश मंत्री का यह बयान ऐसे समय पर आया है जब तालिबान के साथ उसके संबंध दुनियाभर में सवालों के घेरे में हैं। यही नहीं पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के प्रमुख जब काबुल पहुंचे थे, उनका अफगान जनता ने जोरदार विरोध किया था। आईएसआई चीफ की यात्रा के दौरान पंजशीर में भीषण तालिबानी हमला हुआ और उन्होंने काफी इलाके पर कब्जा कर लिया। पाकिस्तान पर आरोप है कि उसने पंजशीर को जीतने में उसने तालिबान की मदद की। पाकिस्तान इन आरोपों का खंडन करता है। पाकिस्तान उन दो देशों में शामिल है जिनका तालिबान पर सबसे ज्यादा प्रभाव है। इसके अलावा दूसरा देश कतर है। पाकिस्तान के गृहमंत्री ने खुद माना है कि उनके यहां तालिबानी आतंकी और उनके परिवार रहते हैं। अमेरिका ने जब वर्ष 2001 में हमला किया तो ये आतंकी पाकिस्तान में छिप गए थे। ओसामा बिन लादेन को भी पाकिस्तान के ऐबटाबाद में मारा गया था। तालिबान की अंतरिम सरकार में गृहमंत्री बना सिराजुद्दीन हक्कानी आईएसआई का पाला हुआ है।