वॉशिंगटन । भारत-अमेरिका के संबंधों को लेकर वरिष्ठ अमेरिकी राजनयिक डोनाल्ड लू ने कहा कि भारत के साथ तेजी से बढ़ते सामरिक, आर्थिक संबंधों को मजबूत करना अमेरिका के राष्ट्रीय हित में हैं। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने डोनाल्ड लू को दक्षिण और मध्य एशिया मामलों के सहायक विदेश मंत्री के पद के लिए नामित किया है। लू ने उनके नाम की पुष्टि के लिए हो रही सुनवाई के दौरान ‘सीनेट फॉरेन रिलेशन्स कमेटी’ के सदस्यों से कहा कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र की दो महाशक्तियों के तौर पर ‘हमें यह सुनिश्चित करने का प्रयास करना चाहिए कि हमारे एशियाई भागीदार संप्रभु एवं स्वतंत्र रहें और किसी एक का प्रभुत्व न हो।’
उन्होंने कहा, ‘यह हमारे राष्ट्रीय हित में है कि हम भारत के साथ अपने तेजी से बढ़ते रणनीतिक, आर्थिक और लोगों से लोगों के बीच संबंधों को मजबूत करना जारी रखें, साथ ही मानवाधिकारों और हमारे लोकतांत्रिक मूल्यों के बारे में भी खुलकर बात करें। दो बड़े लोकतंत्रों के रूप में, हमें यह उदाहरण पेश करना चाहिए कि लोकतंत्र शांति, स्थिरता और व्यक्तिगत स्वतंत्रता को क्यों बढ़ावा देता है।’ विदेश विभाग में अपनी 30 वर्ष की सेवा के दौरान, लू ने भारत, पाकिस्तान और मध्य एशिया में काम किया है।
लू ने कहा, ‘दो बड़ी मुक्त बाजार अर्थव्यवस्थाओं के रूप में, हम एक अधिक स्थिर और समावेशी वैश्विक अर्थव्यवस्था का निर्माण कर सकते हैं। विश्व के 60 प्रतिशत कोविड-19 रोधी टीकों के निर्माता के तौर पर भारत ने वैश्विक महामारी से निपटने की दिशा में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। मैं इस वैश्विक महामारी का अंत करने के लिए भारत के साथ काम करूंगा। मैं जलवायु संकट से निपटने के लिए भारत और हमारे साझेदारों के साथ काम करने के लिए भी प्रतिबद्ध हूं।’ सीनेट की विदेशी मामलों की समिति के अध्यक्ष सीनेटर रॉबर्ट मेनेंडेज़ ने कहा कि भारत के साथ अमेरिका के संबंध बढ़ रहे हैं, जिसे अमेरिका में एक जीवंत भारतीय-अमेरिकी समुदाय बढ़ावा दे रहा है। उन्होंने कहा, ‘मैं उम्मीद करता हूं कि हमारे राजनयिक हमारे अहम मूल्यों का सम्मान करते हुए इस संबंध को गहरा करेंगे। साथ ही बांग्लादेश में, मैं श्रम अधिकारों और यूनियनों की स्थापना की वकालत करना जारी रखूंगा ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि हर क्षेत्र में श्रमिक सुरक्षित परिस्थितियों में काम कर सकें।’ वहीं, लू ने कहा कि अमेरिका के 20 साल से अधिक समय से पाकिस्तान के साथ परिभाषित संबंध हैं। उन्होंने कहा, ‘मेरे नाम की पुष्टि होने पर, मैं मानवाधिकारों, धार्मिक स्वतंत्रता, आतंकवाद विरोधी सहयोग और अमेरिकी निवेशकों के लिए बेहतर कारोबारी माहौल बनाने के लिए पाकिस्तान के साथ मित्रता के अपने लंबे इतिहास को आगे बढ़ाऊंगा।