वाशिंगटन । बाढ़ और बारिश जैसी प्राकृतिक आपदाओं से जूझ रहा अमेरिका परेशानी के दौर से गुजर रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इस हफ्ते देश में आई अनेक प्राकृतिक आपदाओं की पृष्ठभूमि में व्हाइट हाउस में भाषण दिया जिसमें कहा कि ‘देश आपकी मदद के लिए यहां है।’ उन्होंने भीषण तूफान, बाढ़ तथा जंगल की आग से निबटने में देश की मदद करने तथा जलवायु परिवर्तन का सामना करने के लिए व्यापक जन संकल्प का आह्वान भी किया। बाइडेन शुक्रवार को तूफान प्रभावित लुईसियाना पहुंचे। बाइडेन से पहले के राष्ट्रपति भी प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित स्थानों पर जाते रहे हैं। उनके लिए यह अपनापन दिखाने और इस प्रकार से मदद देने का तरीका होता है जिससे व्हाइट हाउस के नेतृत्व को लेकर जनता का नजरिया आकार लेता है।
बाइडेन लुईसियाना के डेमोक्रेटिक गवर्नर जॉन बेल एडवर्ड्स से मुलाकात करने वाले हैं, अन्य अधिकारियों से भी मिलेंगे और बाढ़ प्रभावित लाप्लेस का दौरा करेंगे। वह प्राकृतिक आपदा से प्रभावित अन्य इलाकों का भी हवाई दौरा करेंगे। पूर्ववर्ती राष्ट्रपति इस तरह के संकटों से किस तरह से निबटे, इसके आधार पर भी उन्हें आंका गया। डोनाल्ड ट्रंप ने एक तूफान के बाद पोर्टो रिको में लोगों के बीच पेपर टॉवेल वितरित किए थे जिसके लिए उनकी आलोचना हुई थी। बराक ओबामा ने तूफान के बाद न्यूजर्सी के रिपब्लिकन गवर्नर को गले लगा लिया था जिसके कारण पहले से चला आ रहा तनाव कुछ कम हुआ था। तूफान इडा के बाद बाइडेन जलवायु परिवर्तन जैसी चुनौती का सामना कर रहे हैं।
वैज्ञानिकों का कहना है कि जलवायु परिवर्तन के कारण मौसम संबंधी भीषण आपदाएं बढ़ सकती हैं। प्राकृतिक आपदाओं के अलावा बाइडेन के समक्ष अफगानिस्तान में बचे हुए लोगों को निकालने, कोरोना वायरस के डेल्टा स्वरूप के कारण बने अनिश्चितता के हालात का सामना करने जैसी अन्य चुनौतियां भी हैं। बाइडेन ने कहा, ‘तूफान इडा, पश्चिम में जंगल की आग और न्यूयॉर्क तथा न्यूजर्सी में अभूतपूर्व आकस्मिक बाढ़ फिर से यह याद दिलाते हैं कि हमारा भयावह तूफान और जलवायु संकट से सामना हो रहा है। हमें तैयार रहना होगा, कदम उठाने होंगे।’ अमेरिका के ईस्ट कोस्ट में तूफान इडा ने भारी तबाही मचा रखी है।
तूफान के प्रभाव से हुई भारी बारिश के कारण नदियों का जलस्तर बढ़ गया और इसके बाद आई बाढ़ का पानी घरों और कारों में घुसने से 40 से अधिक लोग डूब गए। क्षेत्र में अचानक बाढ़ की चेतावनी जारी की गई थी लेकिन इतनी तीव्रता के साथ बाढ़ की उम्मीद नहीं थी। बुधवार रात से लेकर गुरुवार सुबह के बीच मेरीलैंड से कनेक्टिकट तक तूफान की चपेट में आने से 46 लोगों की मौत हुई है।