नई दिल्ली। कोरोना संकट के चलते राहत पैकेज की घोषणा के बाद अब केंद्र सरकार का पूरा जोर अब क्रेडिट ग्रोथ बढ़ाने पर है, यानी ज्यादा लोन देने पर है। ऐसे में ब्याज दर में और कटौती की गुंजाइश निकालने की कोशिश की जाएगी। सरकार चाहती है कि बैंक, आम आदमी से लेकर छोटे कारोबारियों को ज्यादा से ज्यादा कर्ज दें, ताकि मार्केट में मनी फ्लो बढ़ सके। यही कारण है कि इस मसले पर वित्त मंत्रालय और रिजर्व बैंक के बीच जल्द ही बैठकों का दौर शुरू होगा।
रिजर्व बैंक की मॉनिटरी पॉलिसी की समीक्षा 5 जून को होने जा रही है। इससे पहले आरबीआई के साथ बैठकों का दौर शुरू होगा। एक सरकारी अधिकारी के अनुसार, राहत पैकेजों के तहत किसानों और कुछ सीमित आय वालों को होम लोन पर ब्याज दरों में कुछ समय के लिए कटौती का तोहफा दिया गया है, मगर आम आदमी के लिए लोन की ब्याज दरों में उतनी कटौती नहीं की गई है, जितनी उम्मीद थी। रिजर्व बैंक द्वारा रीपो रेट में की गई जोरदार कटौती के बाद भी बैंकों ने उस अनुपात में लोन सस्ता नहीं किया है, जबकि इस वक्त की सबसे जरूरत है कि लोन इतने सस्ते हों कि आम आदमी ज्यादा लोन ले, ताकि मार्केट में मनी फ्लो बढ़े। इसी बात को ध्यान में रखते हुए सरकार और रिजर्व बैंक इस दिशा में आगे कदम बढ़ाएंगे। अधिकारी के अनुसार, आने वाले दिनों में ब्याज दरों में और कटौती हो सकती है। कर्ज और सस्ते हो सकते हैं।