कंधार । अफगानिस्तान में तालिबान राज के बाद सब कुछ गड़बड़ चल रहा है। यहां के दक्षिणी शहर कंधार में लंबे समय से खाली पड़े सैन्य परिसर में रहने वाले गरीब अफगानों का कहना है कि वे तालिबान द्वारा उन्हें उनके घरों से निकालने के आदेश से तबाह हो गए हैं। इस आदेश के खिलाफ सैकड़ों अफगानों ने सोमवार को प्रदर्शन किया और कहा कि उन्हें नहीं पता कि अब वे कहां जाएंगे और यह भी कहा कि उन्होंने यहां बसने के लिए वर्षों पहले पूर्व अफगान सैनिकों को पैसे दिए थे। प्रदर्शन रैली के बाद तालिबान परिसर में आया और कई प्रदर्शनकारियों को वहां से जाने को मजबूर किया। प्रदर्शनकारी फिलहाल कहां है इसकी जानकारी किसी को नहीं है।
तालिबान ने परिसर में रह रहे 2,500 परिवारों को अपना घर और सारा सामान छोड़कर जाने का आदेश दिया है ताकि तालिबान लड़ाके वहां आकर रह सकें। परिसर के एक निवासी इमरान ने कहा, 'परिवारों को अपने साथ केवल कपड़े लेकर जल्द से जल्द यहां से जाने के लिए समय सीमा दी है।' इस परिसर को 2001 में खाली कर दिया गया था जब तालिबान को बाहर करने के लिए अमेरिका के नेतृत्व में आक्रमण किया गया था और वहां रह रहे अफगान सैनिकों ने कंधार हवाई अड्डे पर स्थित केंद्रों में डेरा डाल लिया था। कुछ वर्षों में, परिसर में विस्थापित अफगान वहां रहने लगे, वहां की जमीनें खरीदीं और अपने घर बनाए। कंधार के तालिबान मीडिया प्रमुख रहमतुल्लाह नरायवाल ने कहा कि तालिबान नेतृत्व द्वारा मामले की समीक्षा किए जाने तक अफगान परिवार परिसर में रह सकते हैं।