नई दिल्ली । हाल ही में शोधकर्ताओं को ऐसे प्रमाण मिले हैं जिससे पता चला है कि दस हजार साल पहले इजराइल के पास एक बहुत ही विनाशकारी सुनामी आई थी। इस अध्ययन की पड़ताल से यह पता चला है कि इजराइल के इन इलाकों में बसाहट के प्रमाण क्यों नहीं मिले थे। शोधकर्ताओं का मानना है कि इस सुनामी की वजह से इजराइल के उत्तर में भूमध्य सागर के तट के पास प्रागैतिहासिक गावों के प्रमाण तक नष्ट हो गए होंगे। नियोलिथ युग में आई यह सुनामी जमीनी इलाकों में कई किलोमीटर तक घुस गई थी।
इस अध्ययन से खुलासा हुआ कि उस समय एक बड़े भूकंप की वजह से उस इलाके में करीब 15 से 40 मीटर ऊंची विशाल लहर आई थी। यह जानकारी इस बात पर रोशनी डाल सकती है कि आखिर इस तटीय इलाके में आवस के किसी तरह के कोई प्रमाण क्यों नहीं मिले। इस बात ने पुरातत्वविदों को लंबे समय से भ्रमित कर रखा था। अध्ययन के अनुसार शोधकर्ताओं ने इस बात के भी प्रमाण पाए हैं कि पुराने समय में और ज्यादा सुनामियां के आई थीं। अध्ययन के नतीजे बताते हैं कि भूमध्य सागर जैसे छोटे और घिरे हुए समुद्रों में इस तरह की घटनाएं ज्यादा संख्या में और ज्यादा विनाशकारी हो सकते हैं। पता चला है कि यह सुनामी पिछले छह हजार सालो में आई सुनामियों से कहीं ज्यादा व्यापक थी। इस सुनामी लहर ने तेल डोर के इलाके को 9910 से लेकर 9290 साल पहले तक के समय के दौरान प्रभावित किया था। इस तरह से यह भूमध्य सागर में आई सबसे पुरानी ज्ञात सुनामी मानी जा रही है। शोधकर्ताओं का इजराइल के तटों पर पिछले 12 हजार सालों में आए जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण के बदलाव को जानना था।
शोधकर्ताओं की टीम ने पाया कि इस इलाके में दस से बारह हजार साल पहले यहां इंसान की बसाहट के प्रमाण खोजना मुशकिल काम हो गया था। हो सकता है कि ये सुनामी इसका कारण हो। गौरतलब है कि पांच हजार ईसा पूर्व उत्तर नियोलिथिक युग में यह इलाका फिर से बस गया था। शोधकर्ताओं का कहना है कि वे सुनामी के प्रमाण देख ही नहीं रहे थे, लेकिन वहां की भूविज्ञानी इतिहास का अध्ययन जरूर कर रहे थे। इसके तहत वे उस इलाके में हुए पर्यावरण में बदलावों को जानना चाहते थे और यह भी कि इन बदलावों का डोर में जीवन पर कैसा प्रभाव पड़ा होगा।