जेनेवा । चीन और भारत ने ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में कमी लाने की अपनी नई योजनाओं की जानकारी संयुक्त राष्ट्र द्वारा तय समय के भीतर उपलब्ध नहीं कराई है। यह जानकारी एक रिपोर्ट में शामिल की जाएगी, जो इस साल के वैश्विक जलवायु सम्मेलन में पेश की जानी है। अधिकारियों ने बताया कि दुनिया के ये दो सबसे अधिक आबादी वाले देश उन कई देशों में शामिल हैं, जो संयुक्त राष्ट्र की जलवायु परिवर्तन एजेंसी को पृथ्वी को गर्म करने वाली गैसों के उत्सर्जन में कमी लाने के अपने लक्ष्यों पर 31 जुलाई तक जानकारी नहीं दे पाए।
दुनिया में ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन के मामले में चीन शीर्ष पर है, जबकि भारत तीसरे स्थान पर है। अमेरिका दूसरे स्थान पर है और उसने अप्रैल में अपने नए लक्ष्य की योजना सौंप दी। संयुक्त राष्ट्र जलवायु प्रमुख पैट्रिशिया एस्पिनोसा ने कहा कि जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन पर हस्ताक्षर करने वाले 110 सदस्यों ने समयसीमा का पालन किया।
पहले यह जानकारी 2020 के अंत तक दी जानी थी, लेकिन महामारी के कारण इस समयसीमा को बढ़ाया गया। उन्होंने कहा कि यह संतोषजनक नहीं है कि केवल 58 प्रतिशत सदस्यों ने ही समय पर अपने नए लक्ष्य सौंपे। सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, सीरिया और 82 अन्य देशों ने भी यह जानकारी नहीं दी है। यह जानकारी एक रिपोर्ट में शामिल करने के लिए चाहिए जिसे एस्पिनोसा का कार्यालय नवंबर में होने वाले संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन के लिए तैयार कर रहा है। गौरतलब है कि 2015 के पेरिस जलवायु समझौते के तहत देशों ने उत्सर्जन में कमी लाने के अपने लक्ष्य तय किए लेकिन उन्हें इस संबंध में पारदर्शी होने की आवश्यकता है।