कोलंबो, श्रीलंका में कोरोना वायरस का सबसे अधिक संक्रामक डेल्टा स्वरूप तेजी से फैल रहा है। विशेषज्ञों के मुताबिक देश के पश्चिमी प्रांत में आ रहे नए मामलों में करीब 75 प्रतिशत इसी स्वरूप के संक्रमण के हैं। उन्होंने चेतावनी दी है कि श्रीलंका कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई के सबसे निर्णायक पखवाड़े में है। देश में डेल्टा स्वरूप से संक्रमण के मामलों और मौतों में वृद्धि हुई है। श्री जयवर्धनेपुरा विश्वविद्यालय के डॉ. चंदिमा जीवानदारा का कहना है कि इस महीने की शुरुआत से पश्चिमी प्रांत में संक्रमण के जितने मरीज सामने आए उनमें से 75 प्रतिशत डेल्टा स्वरूप से संक्रमित हैं और देश सबसे निर्णायक पखवाड़े से गुजर रहा है। अब हम इसके प्रभाव के छठे सप्ताह में प्रवेश कर गए हैं। यह अन्य स्वरूपों से अलग है। हम जानते हैं कि मौतों की संख्या बढ़ रही है। कल यह संख्या 150 के पार चली गई।
उल्लेखनीय है कि बुधवार को श्रीलंका में कोविड-19 से रिकॉर्ड 156 लोगों की मौत दर्ज की गई जबकि करीब 3000 नए मामले आए। श्रीलंका कोरोना वायरस की महामारी की तीसरी लहर का सामना कर रहा है, यहां डेल्टा स्वरूप से संक्रमण का पहला मामला 17 जून को कोलंबो से आया था। जीवानदारा ने कहा कि बिना लक्षण वाले मरीजों की संख्या बढ़ रही है। इस बीच, श्रीलंका सरकार ने चिकित्सा पेशवरों द्वारा पूर्ण लॉकडाउन लगाने की सलाह का विरोध किया है। सरकार की नीति टीकाकरण की संख्या बढ़ाकर देश को आर्थिक गतिविधियों के लिए खोलने की है। वहीं विशेषज्ञों का कहना है कि अगर तीसरी लहर पर नियंत्रण नहीं पाया गया तो इस साल के आखिर तक देश में करीब 20 हजार लोगों की जान जा सकती है।