भोपाल । प्रदेश
के सरकारी स्कूलों
में अध्ययनरत 43 हजार
से ज्यादा छात्र
अब गायब हो
चुके हैं। इसको
लेकर लोक शिक्षण
संचालनालय ने नाराजगी
जताई है। सूत्रों
की माने तो
लोक शिक्षण संचालनालय
द्वारा जारी किए
आंकड़ों में स्कूलों
से इतने विद्यार्थियों
का रिकार्ड नहीं
मिल रहा है।
यह विद्यार्थी आज
की स्थिति में
कहां हैं और
क्या कर रहे
हैं इसकी जानकारी
जिला शिक्षा विभाग
के अधिकारियों को
नहीं है। इस
पर लोक शिक्षण
संचालनालय ने नाराजगी
दिखाते हुए कहा
कि इतनी ज्यादा
संख्या में विद्यार्थियों
का नामांकन न
होना चिंता का
विषय है। लोक
शिक्षण संचालनालय के जारी
आंकड़ों के मुताबिक
प्रवेश प्रक्रिया में छिंदवाड़ा
सहित 16 जिलों में अव्वल
है इन जिलों
में 90 प्रतिशत विद्यार्थियों को
स्कूलों में प्रवेश
दिया गया है।
जिन जिलों में
विद्यार्थियों का प्रतिशत
70 से कम है
उनमें निवाड़ी- 69, मुरैना
- 67, बड़वानी - 65, सीहोर – 64, सागर – 64, रायसेन
– 62, आगर-मालवा - 62, अशोकनगर – 62, रीवा
- 61, भिंड – 61, पन्ना - 60, जबलपुर – 58, अलीराजपुर
– 57, शाजापुर – 57, इंदौर – 56, देवास – 55, बुराहनुपर
– 49, श्योपुर - 47, सीधी - 45, मंदसौर - 41, भोपाल
- 36 जिलों में विद्यार्थियों
का प्रवेश प्रतिशत
खराब है। लोक
शिक्षण संचालनालय को प्रदेश
के जिलों ने
कक्षा एक से
लेकर 12वीं तक
के सरकारी स्कूलों
में प्रवेशित बच्चों
की संख्या 1 करोड़
भेजी है, जबकि
पिछले साल स्कूलों
में 1 करोड़ 43 हजार
बच्चे प्रवेशित थे।
लोक शिक्षण् संचालनालय
अधिकरियों का कहना
है कि जिलों
द्वारा सही जानकारी
नहीं भेजने पर
आंकड़ों पर अंतर
आ रहा है।
इस बारे में
लोक शिक्षण संचालनालय
भोपाल के आयुक्त
जयश्री कियावत का कहना
है कि समय
सीमा पर नामंकन
की प्रक्रिया पूरी
करने के आदेश
जिला शिक्षा अधिकारियों
को दिए गए
हैं। पिछले और
इस साल के
विद्यार्थियों के प्रवेश
में काफी अंतर
है यह पता
करने के निर्देश
भी दिए गए
हैं।