पिछले साल भी मारपीट और रैगिंग के मामले में 12 विद्यार्थियों के खिलाफ कार्रवाई की गई थी। सात छात्रों को छह महीने के लिए कॉलेज व छात्रावास से निष्कासित कर दिया गया था साथ ही इन पर 25-25 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। रैगिंग का समर्थन करने वाले छात्रों पर भी पांच पांच हजार का जुर्माना लगाया था।इसके अलावा भी छात्रों के बीच मारपीट के मामले सामने आए है। प्रौक्टोरियल बोर्ड जब तक मजबूत नहीं होगा इस तरह की घटनाएं आगे भी होने की संभावना बनी रहेगी। फिलहाल तो अन्य जूनियर छात्र इस घटनाक्रम के बाद डरे हुए है।