भोपाल । मप्र
में बाढ से
पूरी तरह क्षतिग्रस्त
मकानों को बनाने
के लिए एक
लाख 32 हजार रुपये
की सहायता दी
जाएगी। एक लाख
रुपये राजस्व पुस्तक
परिपत्र के प्राविधान
के तहत दिए
जाएंगे। प्रदेश में बाढ़
से प्रभावित लोगों
के मकान सरकार
जैसे के तैसे
बनवाएगी। मनरेगा के अंतर्गत
20 हजार रुपये मजदूरी के
दिलवाए जाएंगे। प्रदेश में
बाढ़ से प्रभावित
लोगों के मकान
सरकार जैसे के
तैसे बनवाएगी।12 हजार
रुपये शौचालय निर्माण
के लिए मिलेंगे।
इसी तरह पशु
शेड के लिए
70 हजार रुपये से लेकर
एक लाख रुपये
तक दिए जाएंगे।
अनाज और बर्तनों
को पहुंचे नुकसान
की पूर्ति के
लिए पांच हजार
रुपये मिलेंगे। मुख्यमंत्री
शिवराज सिंह चौहान
ने रविवार को
देर शाम बाढ़
प्रभावितों को सहायता
दिए जाने को
लेकर वरिष्ठ अधिकारियों
के साथ बैठक
की। मुख्यमंत्री आवास
स्थित कार्यालय में
हुई बैठक में
राजस्व और पंचायत
एवं ग्रामीण विकास
विभाग के अधिकारियों
को प्रभावित को
दी जाने वाली
सहायता के बारे
में जानकारी दी
गई। अपर मुख्य
सचिव मनोज श्रीवास्तव
ने बताया कि
बाढ़ प्रभावित खेतों
में खेत सुधार
के लिए तीन
लाख 80 हजार रुपये
तक के काम
मनरेगा से कराए
जा सकते हैं।
इसमें कुआं, खेत-तालाब, मेढ़बंधान के
काम शामिल हैं।
मनरेगा से प्राकृतिक
आपदा वाले क्षेत्रों
में सौ की
जगह डेढ़ सौ
दिन का रोजगार
दिया जाएगा। मुख्यमंत्री
ने कहा कि
इसके लिए केंद्र
सरकार को पत्र
लिखकर जल्द अनुमति
ली जाए। सार्वजनिक
संपत्तियों को जो
नुकसान पहुंचा है, उसकी
मरम्मत का काम
मनरेगा से कराया
जाएगा।बैठक में मुख्यमंत्री
ने कहा कि
सरकार ने महिला
स्वसहायता समूहों को आत्मनिर्भर
बनाने के लिए
चार फीसद ब्याज
दर पर ऋण
उपलब्ध कराने का निर्णय
लिया है। इससे
स्वसहायता समूह अपने
पैरों पर खड़े
हो जाएंगे। एक
जिला-एक उत्पाद
योजना के तहत
भी अच्छा काम
किया जा सकता
है। एक लाख
पथ विक्रेताओं को
ब्याज मुक्त ऋण
उधार, मुख्यमंत्री ने
नौ सितंबर को
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के
प्रदेश के हितग्राहियों
से संवाद कार्यक्रम
की तैयारियों को
लेकर अधिकारियों के
साथ समीक्षा की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रदेश
के हितग्राहियों से
संवाद के दौरान
उनके अनुभव सुनेंगे
और उनके कार्यस्थल
को भी देखेंगे।
मुख्यमंत्री ने बताया
कि शहर हो
या गांव, छोटे
व्यवसायियों के रोजगार
पर संकट खड़ा
हो गया है।
इन्हें दस हजार
रुपये का ब्याज
मुक्त ऋण बैंकों
से दिलाया गया
है। इसके अलावा
डिजिटल ट्रांजेक्शन करने पर
प्रतिवर्ष 1200 रुपये की अतिरिक्त
राशि और समय
पर ऋण चुकाने
पर अगले साल
20 हजार रुपये की कार्यशील
पूंजी उपलब्ध
करवाई जाएगी। केंद्र
सरकार योजना में
सात प्रतिशत का
ब्याज अनुदान देगी
और बाकी का
जो भी ब्याज
होगा, वह राज्य
सरकार द्वारा वहन
किया जाएगा।इस दौरान
बताया गया कि
प्रदेश के एक
लाख शहरी पथ
विक्रेताओं को प्रधानमंत्री
स्वनिधि योजना के तहत
बैंकों से कोरोबार
को व्यवस्थित करने
के लिए दस
हजार रुपये का
ब्याजमुक्त ऋण मिला
है। एक लाख
40 हजार हितग्राहियों के प्रकरण
स्वीकृत हो चुके
हैं। योजना के
क्रियान्वयन में मध्य
प्रदेश देश में
पहले स्थान पर
है।